हाल ही में एक रिसर्च में पता लगा है कि आने वाले सालो में पानी की तरह ऑक्सीजन की भी कमी हो सकती है। हाल में पुणे के विशेषज्ञों ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात जाहिर की है। रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि अगर प्रदूषण को वक़्त रहते नहीं रोका गया तो पानी की तरह ऑक्सीजन में भी कमी आ जाएगी। इसी के साथ पानी की तरह ऑक्सीजन भी दुकानों और मॉल में बिकने लगेगी। दूसरी बात यह रहेगी की लोग जल्दी काला दमा जैसी बीमारियों से पीड़ित हो जायेगे।
एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक यह बात साबित हुई है कि पुणे स्थित चेस्ट रिसर्च के एक व्यक्ति ने बताया की शहरीकरण तो हो ही रहा है देश में लेकिन उसके साथ एक परेशानी की बात यह है कि इसी के साथ में प्रदुषण भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है। जब हम बात करते है दुनिया के बीस सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की तो उसमे भारत के 15 शहर शामिल है। भारत में आये दिन फेफड़े के रोगियों की भी संख्या बढ़ती जा रही है।
एक इंसान को रोजाना तीन हजार लीटर ऑक्सीजन की जरुरत पड़ती है। इसमें रोजाना एक इंसान 500 लीटर ऑक्सीजन आराम के दौरान, 1 हजार लीटर रोजमर्रा के कार्य और 1500 लीटर ऑक्सीजन एक्सरसाइज करते वक्त लेता है।
वही दूसरी ओर बात करे तो प्रति लीटर 10 किलोमीटर का माइलेज रखने वाली कार का इंजन एक लीटर पेट्रोल की खपत में इंजन 1700 लीटर ऑक्सीजन लेता है। अगर आने वाले समय में गाड़िया बढ़ती जाएगी तो जाहिर सी बात है कि ऑक्सीजन की मात्रा की कमी होती जाएगी।
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