अगर आप पहली बार नौकरी शुरू करने जा रहे हैं या अभी हाल ही में किसी कंपनी में जॉइन किया है, तो आपके लिए एक बड़ी खबर है। ईपीएफओ (EPFO) ने UAN (Universal Account Number) को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस नए नियम के तहत, अब कर्मचारियों को पहली नौकरी के समय ही UAN जनरेट कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
यह बदलाव न केवल प्रोसेस को आसान बनाता है, बल्कि EPF खाते की ट्रैकिंग और मैनेजमेंट को भी पहले से ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी बनाता है। आइए जानते हैं कि नया नियम क्या है, क्यों लाया गया है और इससे नौकरीपेशा लोगों को क्या फायदे होंगे।
EPFO का नया नियम क्या है?
पुराने सिस्टम में, जब कोई कर्मचारी पहली बार किसी कंपनी में जॉइन करता था, तो उस कंपनी का HR विभाग उनके लिए UAN जनरेट करता था। कई बार यह प्रक्रिया देर से होती थी या गलत जानकारी की वजह से अटक जाती थी।
EPFO के नए नियम के तहत अब कर्मचारी को खुद ही पहली नौकरी के समय अपना UAN जनरेट कराना होगा। इसके लिए EPFO ने पोर्टल पर प्रक्रिया को आसान और ऑटोमेटेड बना दिया है।
पहली नौकरी में UAN जनरेट करना क्यों हुआ जरूरी?
नए नियम का मकसद है:
- UAN की डुप्लीकेसी को रोकना
- सभी कर्मचारियों के रिकॉर्ड को यूनिक और सेंट्रलाइज्ड बनाना
- PF ट्रांसफर की प्रक्रिया को तेज और आसान बनाना
- डिजिटल ट्रैकिंग को बढ़ावा देना
अब कर्मचारी को जैसे ही पहली जॉब मिलती है, उसे EPFO पोर्टल पर जाकर खुद के डॉक्यूमेंट्स के आधार पर UAN जनरेट कराना होगा।
UAN क्या है और क्यों है जरूरी?
UAN (Universal Account Number) एक 12 अंकों का यूनिक नंबर होता है जो कि EPF खाते के लिए जरूरी होता है। यह नंबर आपके पूरे करियर के दौरान एक ही रहता है, चाहे आप कितनी भी कंपनियां बदलें।
UAN के फायदे:
- सभी PF खातों को एक जगह लिंक करने की सुविधा
- ऑनलाइन EPF बैलेंस चेक करने में सहूलियत
- PF ट्रांसफर और क्लेम में आसानी
- KYC अपडेट, पासबुक डाउनलोड जैसी सुविधाएं
- मोबाइल और SMS के जरिए अलर्ट मिलना
नया UAN जनरेट कैसे करें? – स्टेप बाय स्टेप गाइड
अगर आपने अभी पहली नौकरी शुरू की है या जल्द ही करने जा रहे हैं, तो यह प्रक्रिया अपनाएं:
Step 1: EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/
Step 2: “Activate UAN” या “Get UAN” पर क्लिक करें।
Step 3: अपना आधार नंबर, नाम, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर आदि भरें।
Step 4: OTP वेरीफाई करें और सबमिट पर क्लिक करें।
Step 5: कुछ ही समय में आपको आपका UAN नंबर SMS और ईमेल के जरिए मिल जाएगा।
ध्यान दें: आधार से लिंक मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है।
नौकरी देने वाले (Employers) पर क्या असर?
EPFO ने नियोक्ताओं के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब वे कर्मचारियों को खुद से UAN जनरेट करने के लिए प्रेरित करेंगे और उसे अपने रिकॉर्ड में अपडेट करेंगे। इससे:
- HR प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी
- गलत UAN असाइनमेंट की समस्या खत्म होगी
- EPF योगदान सही UAN में भेजा जा सकेगा
अगर पहले से है UAN, तो क्या करें?
यदि आपने पहले किसी छोटी नौकरी, इंटर्नशिप या अन्य कारणों से UAN जनरेट करवा लिया था, तो नया जनरेट करने की जरूरत नहीं है। आप अपने पुराने UAN को ही नई कंपनी में दें और HR उसे नए PF खाते से लिंक कर देगा।
नए नियम से कर्मचारियों को क्या फायदा?
- PF अकाउंट्स की कंसिस्टेंसी बनी रहेगी
अब हर कर्मचारी का सिर्फ एक ही UAN होगा, जिससे अकाउंट्स मैनेज करना आसान होगा। - फ्रॉड और गलत जानकारी की संभावना कम होगी
खुद से UAN जनरेट करने पर सही जानकारी दर्ज होती है। - फास्ट प्रोसेसिंग
अब PF से संबंधित सर्विसेज जैसे बैलेंस चेक, क्लेम आदि जल्दी और सुगमता से होंगे।
UAN से जुड़े जरूरी डॉक्यूमेंट्स
UAN जनरेट करते समय आपके पास निम्न डॉक्यूमेंट्स होना जरूरी है:
- आधार कार्ड (Aadhaar)
- मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक हो
- बैंक खाता विवरण (Optional but recommended)
- PAN कार्ड (KYC के लिए)
निष्कर्ष
EPFO द्वारा UAN को लेकर किया गया यह नया बदलाव डिजिटल भारत और ई–गवर्नेंस की दिशा में एक अहम कदम है। इससे न केवल EPF सिस्टम ज्यादा ट्रांसपेरेंट होगा, बल्कि कर्मचारियों को भी अपने PF खातों का बेहतर नियंत्रण मिलेगा। अगर आप अभी नई नौकरी शुरू करने जा रहे हैं, तो पहला कदम UAN जनरेट करना ही होना चाहिए। इससे भविष्य में PF ट्रांसफर, बैलेंस चेक, क्लेम जैसी प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी।