धर्म

रहस्यमय हैं ये चार मंदिर, आज तक कोई नहीं जान पाया

रहस्यमय हैं ये चार मंदिर, आज तक कोई नहीं जान पाया

भारत रहस्यों से भरा हुआ है।  प्राचीन काल से यह ज्ञान -विज्ञान का केन्द्र बना हुआ है।  ऐसे ही आज हम बात करने  जा रहे है   रहस्यमय उन  चार मंदिर की जिसका रहस्य आज एक अनसुलझी पहेली है।

  1. कालभैरव मंदिर (उज्जैन )

    पवित्र नगरी उज्जैन में प्राचीन कालभैरव मंदिर है। भगवान कालभैरव को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाई जाती है। भगवान कालभैरव  को कुलदेवता के रूप में भी पूजा होता है।

आश्चर्य करने वाली बात तो यह है  कि काल भैरव की प्रतिमा के मुंह के आगे मदिरा से भरी प्याली रखने पर वह खाली हो जाती है। अब तक कोई पता नहीं लगा पाया कि शराब कहां चली जाती है।

इस प्रतिमा को शराब चढ़ाने के पीछे प्राचीन मान्यता है कि शराब चढ़ाने वाला अपने बुरे गुण  और कर्म भगवान के आगे छोड़ देता है। प्राचीन समय में  यहां केवल तांत्रिक ही आ सकते थे। लेकिन अब सुबह से शाम तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर प्रतिमा को शराब अर्पित करते हैं।

  1. तिरुपति बालाजी (तिरुपति)

ऐसा कहा जाता है की  वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर लगे बाल असली है।  जी हाँ और मजेदार बात तो यह है की बाल कभी उलझते नहीं है।  बालाजी  की मूर्ति के कान लगाकर सुनने पर समुन्द्र की आवाज सुनाई देती है।   यही कारण  है की बालाजी की मूर्ति नम रहती है।  मंदिर के दायी और एक छड़ी रखी है ऐसा कहा जाता है की उससे बालाजी की बचपन में पिटाई हुयी थी।  जिसके कारण ठोड़ी पर चोट लगी थी।  तब से आज तक ठोड़ी पर चंदन का लेप लगाया जाता है ताकि उनके घाव भर जाये।

  1. मां शारदा मंदिर (मैहर)

मां शारदा का मंदिर मध्यप्रदेश में सतना जिले की मैहर तहसील के पास त्रिकूट पर्वत पर स्थित  है।

मैहर तहसील के पास होने के कारण इस मंदिर को मैहर देवी का मंदिर कहा जाता है। मैहर का मतलब है मां का हार। पूरे भारत में  एक मात्र माता शारदा का अकेला मंदिर है। मान्यता है कि अल्हा और उदल, जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के साथ युद्ध किया था, वे भी शारदा माता के बड़े भक्त हुआ करते थे। अल्हा और उदल ने  ही सबसे पहले जंगलों के बीच शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की थी। तभी से ये मंदिर भी माता शारदा माई के नाम से प्रसिद्ध हो गया। ऐसी मान्यता है कि माता शारदा के दर्शन हर दिन सबसे पहले आल्हा और उदल ही करते हैं।

  1. पद्मनाभ मंदिर (तिरुवनंतपुरम)

पद्मनाभस्वामी मंदिर का छठा तहखाना आज भी रहस्य बना हुआ है। प्राचीन समय से ऐसी मान्यता है कि 1908 में जब कुछ लोगों ने इस तहखाने के दरवाजे को खोला तो उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पडा क्योंकि तहखाने में कई सिरों वाला किंग कोबरा बैठा था और उसके चारों तरफ नागों का झुंड था। मान्यता के अनुसार किंग कोबरा वास्तव में मंदिर के खजाने का रक्षक है। ज्योतिषयों का मानना है कि नाग धन का रक्षक है इसलिए पहले नाग प्रतिमा की पूजा की जानी चाहिए वरना तहखाना खोलने की कोशिश खतरनाक भी साबित हो सकती है।  पांच तहखानों में एक लाख करो़ड से भी ज्यादा दौलत पाई गई है।

Related posts

Astrologer Can Solve Your Love & Marriage Problems

क्या आप जानते हैं, घंटी बजाने के पीछे का रहस्यमयी कारण

roundbubble

The Architectural Design And Style of The Ram Mandir Ayodhya

roundbubble

8 comments

Leave a Comment